उज्जैन. महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल होने सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन उज्जैन पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले बाबा महाकाल के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। इसके बाद समारोह में शामिल होने विवि पहुंचे। पहली बार हुए इस आयोजन में भारतीय संस्कृति की झलक के बीच 434 विद्यार्थियों को मेडल और उपाधियां दी गईं। समारोह के लिए विशेष प्रकार का ड्रेस कोड रखा गया। छात्र जहां साफा बांधकर पहुंचे वहीं छात्राएं साड़ी पहनकर शामिल हुईं। साफा बांधने के लिए उज्जैन के अलावा इंदौर से विशेषज्ञों को बुलवाया था। समारोह में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
यूजीसी की संस्कृत भाषा समिति की अध्यक्ष प्रो. उमा वैद्य द्वारा संस्कृत में दीक्षांत भाषण किया। समारोह में 2018-19 के 434 विद्यार्थियों को उपाधियां और मेडल दिए गए। समय की कमी के चलते राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कुछ विद्यार्थियों को उपाधियां और मेडल प्रदान किए गए। इसके बाद कुलपति एवं कार्यपरिषद के सदस्यों ने शेष उपाधियां और मेडल बांटे।
छात्राओं के लिए गुलाबी कलर की साड़ी
कुलपति डॉ. पंकज लक्ष्मण जानी ने बताया कि अभिलाषा कॉलोनी के सामने बने विश्वविद्यालय परिसर में हुए इस समारोह में उपाधियां और मेडल पाने वाले छात्रों के लिए सफेद कुर्ता, धोती और छात्राओं के लिए गुलाबी रंग की साड़ी का ड्रेस कोड रखा गया था। 17 अगस्त 2008 से शुरू हुए विश्वविद्यालय का यह प्रथम दीक्षांत समारोह था।